Tuesday 28 January 2014

मीरदाद saying

कई बार तुम्हे अपना मार्ग दुर्गम, अंधकारपूर्ण और एकाकी लगेगा । 
अपना इरादा पक्का रखो और हिम्मत के साथ कदम बढ़ाते जाओ ; 
और हर मोड़ पर तुम्हे एक नया साथी मिल जाएगा । 
पथ-विहीन स्थान में ऐसा कोई पथ नहीं जिस पर अभी तक कोई न चला हो ।
जिस पथ पर पद चिन्ह बहुत कम और दूर-दूर हैं, वह सीधा और सुरक्षित है, 
कहीं-कहीं उबड़-खाबड़ और सुनसान है ।जो मार्गदर्शन चाहते हैं उन्हें मार्गदर्शक मार्ग दिखा सकते हैं, 
उस पर चलने के लिये विवश नहीं कर सकते । याद रखो, तुम मार्गदर्शक हो । कई लोग तुमसे कहेंगे, ''हमें रास्ता दिखाओ ।'' किन्तु थोड़े ही, बहुत ही थोड़े कहेंगे, ''हम तुमसे विनती करते हैं कि रास्ते में हमारी रहनुमाई करो '' ।
Om Pranam 

No comments:

Post a Comment