मित्रों,
सभी मित्रों के अंदर वास कर रहे उस परम को मेरा प्रणाम !
धन, संस्था या प्रतिष्ठा मेरा विषय नहीं , पारिवारिक जिम्मेदारियों का वहन करना प्राथमिकता है , परन्तु जीवन की यात्रा या फिर प्रारब्ध यहाँ तक ले आया। लोगो को परेशान सच की तलाश में भटकते पाया , बिलकुल अपनी तरह, इसी कारन पहला भाव जो आया , " आपो गुरु आपो भव " । स्वानुभव से बड़ा ज्ञान कोई नहीं। उस परम शक्ति से निवेदन किया ,' यदि मेरी यात्रा आपकी तरफ है तो आपही ज्ञान का प्रबंध संभाले , ' और फिर जो ज्ञान वो देता गया .... जिस राह चलाता गया ... उसका अनुभव मैं करती गयी।
सामान्यतः , मुझे नहीं पता की कितना ज्ञान और कितना अनुभव पर्याप्त होता है , बस समर्पण है उस परा_भाव के प्रति , और जो भी परम ऊर्जा का निर्द्देश है उसका पालन समर्पण के साथ किया , उसका आभार की उसने दिव्यात्माओ से परिचय कराया मित्रता करायी। जिन्होंने आगे की जीवन यात्रा की पूरी जिम्मेदारी संभाल ली। और अब मैं निश्चिन्त हूँ। इतना आश्वासन मैं आपको अपने अनुभव से दे सकती हूँ की उस परम पर विश्वास और भरोसा करके मैंने सही किया , उसने मुझे तमाम भटकाव से बचा लिया, औए मेरी गाडी सीधा मंजिल की तरफ बढ़ी चली जा रही है। मैं किसी एक खास विषय की पारंगत नहीं आप जैसे ही एक सामान्य सा जीव हूँ , अनुभव ही मेरे साक्षी है , मेरा प्रयास है की जो भी भाव मैं बांटू पहले स्वयं अनुभव करूँ , उसके बाद ही आप तक आने दू। ऐसा कोई भाव आप तक न जाये जो मेरे अनुभव से होके न गुजरे। बिना अनुभव भाव बाँटना ऐसा ही ही जैसे बिना विषय समझे किसी को पाठ पढ़नेकी सलाह देना। तोता जैसा लगता है। जो उचित है ही नहीं बल्कि उपहासजनक भी है। मुझे लगता है की मैं अभी भी ऐसे पुल पे खड़ी हूँ जहाँ मुझे आप सब भी दिखते है , आपसे अपनी बात बांटना मुझे संतोषजनक लगता है और वो भी मेरा हाथ थामे हुए है जो मेरे कई कई जन्मो की यात्रा के साथी है। , उन दिव्य मित्रों की कृपा है की वो मेरा हाथ नहीं छोड़ रहे। उनके द्वारा जो दिए जलाये गए वो ही मार्ग दिखा रहे है , मुझे पूरा विश्वास है , ऐसे ही दिए आपको भी मिलंगे।
और अगर ऐसे सुगन्धित जलते दिए न मिले ...तो.... आप सावधान हो जाना !
राह में मिलने वाले सभी अनुभवों के प्रति आभार , सभी मित्रों के प्रति आभार , सभी के सहयोग के लिए आभार ..... संकीर्णता से ऊपर जो fb लिस्ट में है या नहीं जो कभी थे या के आगे होंगे , सभी का योगदान है , लैपटॉप के अंदर और लैपटॉप के बाहर की दुनिया , मेरे आभार में सभी को निमंत्रण है।
असीम शुभकामनाओं के साथ प्रणाम
सभी मित्रों के अंदर वास कर रहे उस परम को मेरा प्रणाम !
धन, संस्था या प्रतिष्ठा मेरा विषय नहीं , पारिवारिक जिम्मेदारियों का वहन करना प्राथमिकता है , परन्तु जीवन की यात्रा या फिर प्रारब्ध यहाँ तक ले आया। लोगो को परेशान सच की तलाश में भटकते पाया , बिलकुल अपनी तरह, इसी कारन पहला भाव जो आया , " आपो गुरु आपो भव " । स्वानुभव से बड़ा ज्ञान कोई नहीं। उस परम शक्ति से निवेदन किया ,' यदि मेरी यात्रा आपकी तरफ है तो आपही ज्ञान का प्रबंध संभाले , ' और फिर जो ज्ञान वो देता गया .... जिस राह चलाता गया ... उसका अनुभव मैं करती गयी।
सामान्यतः , मुझे नहीं पता की कितना ज्ञान और कितना अनुभव पर्याप्त होता है , बस समर्पण है उस परा_भाव के प्रति , और जो भी परम ऊर्जा का निर्द्देश है उसका पालन समर्पण के साथ किया , उसका आभार की उसने दिव्यात्माओ से परिचय कराया मित्रता करायी। जिन्होंने आगे की जीवन यात्रा की पूरी जिम्मेदारी संभाल ली। और अब मैं निश्चिन्त हूँ। इतना आश्वासन मैं आपको अपने अनुभव से दे सकती हूँ की उस परम पर विश्वास और भरोसा करके मैंने सही किया , उसने मुझे तमाम भटकाव से बचा लिया, औए मेरी गाडी सीधा मंजिल की तरफ बढ़ी चली जा रही है। मैं किसी एक खास विषय की पारंगत नहीं आप जैसे ही एक सामान्य सा जीव हूँ , अनुभव ही मेरे साक्षी है , मेरा प्रयास है की जो भी भाव मैं बांटू पहले स्वयं अनुभव करूँ , उसके बाद ही आप तक आने दू। ऐसा कोई भाव आप तक न जाये जो मेरे अनुभव से होके न गुजरे। बिना अनुभव भाव बाँटना ऐसा ही ही जैसे बिना विषय समझे किसी को पाठ पढ़नेकी सलाह देना। तोता जैसा लगता है। जो उचित है ही नहीं बल्कि उपहासजनक भी है। मुझे लगता है की मैं अभी भी ऐसे पुल पे खड़ी हूँ जहाँ मुझे आप सब भी दिखते है , आपसे अपनी बात बांटना मुझे संतोषजनक लगता है और वो भी मेरा हाथ थामे हुए है जो मेरे कई कई जन्मो की यात्रा के साथी है। , उन दिव्य मित्रों की कृपा है की वो मेरा हाथ नहीं छोड़ रहे। उनके द्वारा जो दिए जलाये गए वो ही मार्ग दिखा रहे है , मुझे पूरा विश्वास है , ऐसे ही दिए आपको भी मिलंगे।
और अगर ऐसे सुगन्धित जलते दिए न मिले ...तो.... आप सावधान हो जाना !
राह में मिलने वाले सभी अनुभवों के प्रति आभार , सभी मित्रों के प्रति आभार , सभी के सहयोग के लिए आभार ..... संकीर्णता से ऊपर जो fb लिस्ट में है या नहीं जो कभी थे या के आगे होंगे , सभी का योगदान है , लैपटॉप के अंदर और लैपटॉप के बाहर की दुनिया , मेरे आभार में सभी को निमंत्रण है।
असीम शुभकामनाओं के साथ प्रणाम
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