देखो >> अपना ज्ञान पथ , साक्षी भाव जगाओ , प्रकति से एक लयता बनाओ,
और फिर सीधी छलांग लगाओ , किसी के जैसे न होके , तुम ..... " तुम " हो जाओ ,
बस यही है सम्पूर्ण कथा . उसकी और उसको छूने की।
जो भी जागे उन सभी ने यही रास्ता अपनाया।
अबके तुम्हारी बारी !!
ॐ ॐ ॐ
इतने सरल और सहज रास्ते में भी भटकाव है क्या ? अगर अब भी भटकन है तो वो
सिर्फ अपने मस्तिस्क की है , तुम्हारी इस क्लिष्ट , दुरूह भाषा शैली के बीच भटकन
से उसका क्या सम्बन्ध ! इसीलिए आध्यात्मिकता का अनुभव अपने आपमें एक
अट्टहास है ....
और फिर सीधी छलांग लगाओ , किसी के जैसे न होके , तुम ..... " तुम " हो जाओ ,
बस यही है सम्पूर्ण कथा . उसकी और उसको छूने की।
जो भी जागे उन सभी ने यही रास्ता अपनाया।
अबके तुम्हारी बारी !!
ॐ ॐ ॐ
इतने सरल और सहज रास्ते में भी भटकाव है क्या ? अगर अब भी भटकन है तो वो
सिर्फ अपने मस्तिस्क की है , तुम्हारी इस क्लिष्ट , दुरूह भाषा शैली के बीच भटकन
से उसका क्या सम्बन्ध ! इसीलिए आध्यात्मिकता का अनुभव अपने आपमें एक
अट्टहास है ....
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