सुविचार_आनंद ; दोनों का ताना बना जिंदगी की चादर के साथ एक साथ ही बुना हुआ है , सुविचार माने की आनंद की अनुभूति की शुरुआत और आनंद की अनुभूति माने की सुविचार की मौजूदगी। इनको एक ही धागे के अलग अलग सिरे के रूप में या अलग अलग विषय के रूप में एक एक करके अपनाने की प्रतीक्षा अज्ञानता है।
ॐ
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