मस्तिष्क जिज्ञासा : कैसे जाने क्या सही क्या गलत ,महल प्रवेश का
कौन सा दरवाजा सही और कौन सा माया जनित ?
हृदयोत्तर : सर्वप्रथम , अपने गहरे आत्मिक ध्यान में जाए , (मस्तिष्क
और मन से ऊपर ) गुण अवगुण के आधार पर नेति नेति का सिद्धांत
अपनाये , और अलग करते चले उन गुणो को अनायास ही किसी को
कष्ट पहुंचाते हो। देखे अंत में बीज रूप क्या बचता है ! वो ही आपका
सही दरवाजा है ईश्वरीय भव्य महल में प्रवेश का। जरा सोचे जो महल
इतना सुंदर है तो दरवाजे कैसे भव्य होंगे !! दो पट है इस सुंदर दरवाजे
के जो दो गुणो से सजे है। ध्यान और प्रेम के कपाट तथा ह्रदय में दीप
जला करुणा का महल में प्रवेश का उत्तम और उचित समय ।
कौन सा दरवाजा सही और कौन सा माया जनित ?
हृदयोत्तर : सर्वप्रथम , अपने गहरे आत्मिक ध्यान में जाए , (मस्तिष्क
और मन से ऊपर ) गुण अवगुण के आधार पर नेति नेति का सिद्धांत
अपनाये , और अलग करते चले उन गुणो को अनायास ही किसी को
कष्ट पहुंचाते हो। देखे अंत में बीज रूप क्या बचता है ! वो ही आपका
सही दरवाजा है ईश्वरीय भव्य महल में प्रवेश का। जरा सोचे जो महल
इतना सुंदर है तो दरवाजे कैसे भव्य होंगे !! दो पट है इस सुंदर दरवाजे
के जो दो गुणो से सजे है। ध्यान और प्रेम के कपाट तथा ह्रदय में दीप
जला करुणा का महल में प्रवेश का उत्तम और उचित समय ।
ॐ
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