सन्यास शब्द को भी दो तरीके से समझा जा सकता है
पहला अर्थ जब कि आप सन्यास की तरफ दौड़ रहे हो , इस अवस्था में आपको बल पूरक संसार से विमुख होना है , तब आप भगोड़े कहलाते हो।
दूसरी अवस्था में सन्यास घटित होता है , चांदनी जैसा आपके ह्रदय में स्वतः उतरता है बिना प्रयास के , सांसारिकता आपसे दूर भागती है , यह सन्यास एक घटना है। जहा आप पर्वत पे नहीं जाते , आप जहा है वही पे ये सन्यास घट जाता है प्रलोभन इस सन्यासी से दूर स्वयं ही भागते है।
इस सन्यासी को प्रलोभन से नहीं भागना पड़ता। यह वास्तविक सन्यास है।
पहला अर्थ जब कि आप सन्यास की तरफ दौड़ रहे हो , इस अवस्था में आपको बल पूरक संसार से विमुख होना है , तब आप भगोड़े कहलाते हो।
दूसरी अवस्था में सन्यास घटित होता है , चांदनी जैसा आपके ह्रदय में स्वतः उतरता है बिना प्रयास के , सांसारिकता आपसे दूर भागती है , यह सन्यास एक घटना है। जहा आप पर्वत पे नहीं जाते , आप जहा है वही पे ये सन्यास घट जाता है प्रलोभन इस सन्यासी से दूर स्वयं ही भागते है।
इस सन्यासी को प्रलोभन से नहीं भागना पड़ता। यह वास्तविक सन्यास है।
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