पीछे मुड़ के न देखना,पलटे तो भ्रमित हो जाओगे
,आगे भी मत देखना क्यूंकि भय घेर लेगा।
आभार,कृतज्ञता और प्रेम के धागो से बिनी....
भावो की मजबूत पकड़ से .....
इस रस्सी को पकड़_के आगे बढ़ते चले आओ !
धीरेधीरे एक एक कदम डालते मीलों लम्बा फ़ासला
पल में तय हो जायेगा ,
फिर न कोहरे का भय , न ऊंचाई का की ओर ध्यान
जायेगा और न ही गहराई से ह्रदय में कम्पन होगा।
ध्यान रखना " लक्ष्य हो एक दम सुनिश्चित , नेति नेति का वस्त्र पहन
और बस एक एक कदम का सूत्र ."
Om
शुभकामनाये !!
,आगे भी मत देखना क्यूंकि भय घेर लेगा।
आभार,कृतज्ञता और प्रेम के धागो से बिनी....
भावो की मजबूत पकड़ से .....
इस रस्सी को पकड़_के आगे बढ़ते चले आओ !
धीरेधीरे एक एक कदम डालते मीलों लम्बा फ़ासला
पल में तय हो जायेगा ,
फिर न कोहरे का भय , न ऊंचाई का की ओर ध्यान
जायेगा और न ही गहराई से ह्रदय में कम्पन होगा।
ध्यान रखना " लक्ष्य हो एक दम सुनिश्चित , नेति नेति का वस्त्र पहन
और बस एक एक कदम का सूत्र ."
Om
शुभकामनाये !!
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