जीव जड़ और चेतन के सहयोग से संयोग से बना है , जो जड़तत्व है वो जड़ से जुड़ा ही रहता है , और जो चेतनतत्व है वो चेतन से लगातार जुड़ा रहता है , यहाँ एक फर्क समझ आता है अन्य जीव और इंसानो में कि इंसानो में एक सुचना तंत्र अतिरिक्त है जो इसकी सुचना भी उस तक भेजता है , कि आखिर वो अन्य से अलग कैसे। आईये इस तंत्र के प्रति आभार प्रकट करे और इस का सदुपयोग करे। ये है बुध्ही यानि मस्तिष्क तंत्र जो सारे फसाद कि जड़ भी है और उपलब्धियाँ भी यही से मिलती है।
Om Pranam
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