Wednesday, 25 March 2020

त्राटक


त्राटक शब्द का अर्थ – 
त्राटक शब्द का अर्थ होता है किसी एक विशेष वस्तु पर अपनी नजरो से लगातार देखते रहना.  
त्राटक क्रिया हठ योगा का एक प्रकार है. यह हठ योगा के सात अंगो में से एक अंग षटकर्म की एक क्रिया है. 
हठयोग में इस क्रिया का वर्णन दृष्टि को जाग्रत करने की शक्ति के रूप में किया गया है. आँखों को
आत्मा का प्रवेशद्वार माना जाता है. त्राटक साधना द्वारा आँखों को आत्मा और मन के बीच संपर्क स्थापित
करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. त्राटक मेडिटेशन शरीर को शक्ति और शुद्धी प्रदान करने के लिए 
की जाती है.

आज के जमाने में त्राटक क्रिया का महत्व IMPORTANCE OF TRATAK KRIYA 

आधुनिकीकरण के इस जमाने में मानव के जीवन में तनाव, अवसाद, अशांति, नकारात्मक विचार भी
शामिल हो गए है. कई तरह की रिसर्चे सामने आई है जिनसे पता चला है की मानव कई सारी उर्जा और समय
अनावश्यक विचारो को सोचने में लगा देता है. ऐसी स्थिति में त्राटक साधना द्वारा वह अपने विचारो और
उर्जा को सही दिशा प्रदान कर सकता है. इस मेडिटेशन  से आप अनचाहे और नकारत्मक विचारो को अपने
जीवन से बाहर फेंक पायेंगे. त्राटक क्रिया से आपका फोकस बढेगा, अशांति दूर होगी और आप तनावमुक्त
जीवन जी पाओगे.

त्राटक मेडिटेशन के क्या लाभ होते है. BENEFITS OF TRATAK MEDITATION 

त्राटक मेडिटेशन का प्रयोग वैसे तो ज्यादातर आध्यात्मिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए किया जाता है लेकिन इसके
अलावा भी इस योग के कई लाभ होते है. जिनका मन बहुत चंचल होता है, मन में हर समय तरह तरह के विचार
आते है, जो मन को एकाग्रचित नहीं रख पाते.  उनके लिए त्राटक साधना बहुत उत्तम होती है. त्राटक साधना से
हमारा शरीर स्वस्थ रहता है. त्राटक मेडिटेशन का इस्तेमाल अपनी याददाश्त और फोकस पॉवर बढ़ाने के लिए
किया जाता है. यह योग आँखों के लिए भी बहुत अच्छा होता है और इससे आँखों की रौशनी बढती है. नेत्र संबंधी
रोगों को ठीक करता है. मन को शांत रखता है. जिन लोगो का मन अशांत रहता है उनके लिए ये बहुत लाभदायक
होता है.

त्राटक साधना के प्रकार KINDS OF TRATAK MEDITATION  

3 TYPES OF TRATAK SADHNA {त्राटक साधना के 3 प्रकार होते है} 

INNER TRATAK (इनर त्राटक)
यह साधना आँखों को बंद करके की जाती है. इस मेडिटेशन में आपको अपने अन्दर ही ध्यान एकाग्र करना
 होता है. इसमें पीठ को सीधा रखते हुए बैठ जाए और अपनी तीसरी आँख (दोनों आँखों के बीच का हिस्सा) पर फोकस करना होता है. इससे आपको तीसरी आँख में थोडा दर्द अनुभव होगा जो की समय के साथ धीरे 
धीरे गायब होता जायेगा. यह मैडिटेशन नकारात्मक विचारो को दूर करने, बुधिमत्ता बढ़ाने  में उपयोगी होता है.
MIDDLE TRATAK (मिडिल त्राटक)
त्राटक मेडिटेशन में आपको अपनी आँखों को खुला रखना होता है. इसमें आपको किसी मोमबत्ती या लैंप फ्लेम
या किसी बिंदु पर बिना पलके झपकाए ध्यान केन्द्रित करना होता है. इससे आपकी आँखों को थोडा जलन का
अनुभव हो सकता है. इसमें बाधा पहुचने पर आप इसे बंद करके दोबारा ध्यान चालु कर सकते है. इसके नियमित
अभ्यास से आँखों में कम जलन होना शुरू हो जाता है. इससे आपकी आँखों की रोशनी बढती है और  स्मरण शक्ति
तेज होती है. यह साधना ध्यान लगाने वाली वस्तु को अपनी आँखों से लगभग बीस बाईस इंच की दुरी पर रखकर 
की जानी चाहिए.
OUTER TRATAK (आउटर त्राटक)
इस साधना में चाँद सूरज या सितारों को देखकर ध्यान केन्द्रित किया जाता है. यह दोपहर या रात के समय
किया जा सकता है.   यह मन को शांत रखता है, एकाग्रता बढ़ाता है. मानसिक विकारो को दूर करता है और

त्राटक मेडिटेशन को करने की विधि TRATAK MEDITATION VIDHI

  • त्राटक के लिए किसी अँधेरे या शांत कमरे का चुनाव कीजिये,
  • अपनी रीढ़ की हड्डी और शरीर को सीधा करते हुए बैठ जाइये, इनर त्राटक के लिए अपनी आँखों को बंद कीजिये और अपनी तीसरी आँख पर ध्यान केन्द्रित कीजिये और मिडिल त्राटक  के लिए किसी वस्तु जैसे की मोमबत्ती या लैंप फ्लेम को 25 या 30 इंच की दुरी पर अपने आँखों के समानांतर ही रखिये और इस पर ध्यान केन्द्रित कीजिये यानी की लगातार देखना है.

त्राटक मेडिटेशन मे इन बातो का रखे ध्यान

  • त्राटक के निरंतर अभ्यास से आपकी बिना आँख झपकाए देखने की अवधि बढ़ेगी.
  • ये अभ्यास आप ज्यादा से ज्यादा दस मिनट तक कर सकते है. जो की निरंतर अभ्यास से ही संभव है.शुरुआत में आँखों में जलन या आंसू निकल सकते है. पर समय के साथ धीरे धीरे आप अनुभव करेंगे की आप ज्यादा देर तक बिना पलक झपकाए अपना ध्यान केन्द्रित कर पा रहे है.
  • एक बार में दस मिनट से ज्यादा त्राटक का अभ्यास आँखों को नुकसान भी पंहुचा सकता है,  ३ या ४ बार दोहराया जा  सकता है। 
  • त्राटक के परिणाम लाभदायक होते है और लम्बे समय तक अनुभव किये जाते है

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